Monday, August 31, 2015

आखिर दिल्ली के उत्तराखंड भवन में मिलेंगी उत्तराखंडी डिशेज

नई दिल्ली( विवेक शुक्ला)। राजधानी के उत्तराखंड भवन में अब परोसे जाएंगे उत्तराखण्डी व्यंजन। उत्तराखंड की स्थापना के 15 सालों के बाद राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है ताकि दिल्ली में रहने वाले लाखों उत्तराखंड के लोग अपने प्रदेश के भवन में जाने लगें।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर अब ये काम शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री रावत ने विगत दिनों दिल्ली में आईटीओ के समीप दीनदयाल मार्ग पर नव निर्मित उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त के एकीकृत भवन के लोकार्पण पर ये जानकारी दी।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के मुख्य सचिव राकेश शर्मा व ओम प्रकाश से कहा कि अगर आप लोग इन भवनों में उत्तराखण्डी व्यंजन परोसने लगे तो दिल्ली में रहने वाले लाखों उत्तराखण्डी यहां जुड़ जायेंगे और इस भोजनालय से ही पूरे भवन को संचालित करने वाली आय भी अर्जित हो जायेगी। इस पर वहां पर उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से अपनी सहमति जतायी। एक माह के अंदर जानकारों ने कहा कि इधर एक माह के भीतर उत्तराखण्डी व्यंजन परोसे जाने लगेंगे। बता दें कि दिल्ली में लाखों उत्तराखण्डी रहते है। इनकी 2000 से अधिक सामाजिक संस्थायें है। पर दिल्ली स्थिति उत्तराखण्ड शासन के अधिकारियों ने न तो सामाजिक संस्थाओं को आमंत्रित किया व नहीं यहां पर उत्तराखण्ड के लिए समर्पित रहने वाले उत्तराखण्डी पत्रकारों को बुलाया गया।

यह पूरा कार्यक्रम में अव्यवस्था का आलम यह था कि साढे ग्यारह बजे के इस कार्यक्रम को दोपहर डेढ़ बजे प्रारम्भ हुआ। भोजन के समय नाश्ता परोसा गया। जब मुख्यमंत्री का ध्यान इस तरफ दिलाया गया तो अधिकारी दायें बायें बगल झांकने लगे। पांच सौ इकसठ स्क्वायर मीटर के क्षेत्रफल में निर्मित दिल्ली में उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त एकीकृत भवन के निर्माण पर कुल ग्यारह करोड़ रूपये खर्च हुए। मुख्यमंत्री ने एकीकृत भवन के निर्माण में उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक के साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति से लोगों को जोड़कर कार्य करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के इस भवन में सभी कार्य उत्तराखण्ड के लोगों के अधिकतम हितों के लिए किये जायें। साथ ही इस भवन की पहचान दिल्ली में होने के बाद भी उत्तराखण्ड संस्कृति से परिपूर्ण होनी चाहिए।
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