रुद्रप्रयाग, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने केदारपुरी में भैरवनाथ मंदिर जाने के लिए सरस्वती नदी पर वैली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है। 30 मीटर लंबा यह ब्रिज केदारपुरी में बना अब तक का सबसे लंबा पुल है। अब इसमें प्लेट जोड़ी जानी शेष हैं।
निम के केदारनाथ मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर साल 2014 में 24 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया था। इसके बाद एमआइ हेलीपैड के पास 20 मीटर लंबा पुल बनाया गया। जबकि, भैरवनाथ मंदिर के पास सरस्वती नदी पर बना यह पुल 30 मीटर लंबा है। इसके दोनों ओर साइड दीवारों का भी निर्माण कर लिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि केदारपुरी में अब दो वैली ब्रिज बनने शेष हैं। इनमें से एक का निर्माण मंदाकिनी नदी पर होना है, जो केदारनाथ बेस कैंप से पुराना घोड़ा पड़ाव को जोड़ेगा। इसके बाद यात्री आपदा के बाद से अलग-थलग पड़ी गरुड़ चट्टी भी पहुंच सकेंगे। जबकि, दूसरा पुल सरस्वती नदी पर मंदिर के पीछे बनाया जाएगा। बताया कि पुलों पर कार्य शुरू हो चुका है और अप्रैल 2018 तक ये बनकर तैयार हो जाएंगे।
निम के केदारनाथ मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर साल 2014 में 24 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया था। इसके बाद एमआइ हेलीपैड के पास 20 मीटर लंबा पुल बनाया गया। जबकि, भैरवनाथ मंदिर के पास सरस्वती नदी पर बना यह पुल 30 मीटर लंबा है। इसके दोनों ओर साइड दीवारों का भी निर्माण कर लिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि केदारपुरी में अब दो वैली ब्रिज बनने शेष हैं। इनमें से एक का निर्माण मंदाकिनी नदी पर होना है, जो केदारनाथ बेस कैंप से पुराना घोड़ा पड़ाव को जोड़ेगा। इसके बाद यात्री आपदा के बाद से अलग-थलग पड़ी गरुड़ चट्टी भी पहुंच सकेंगे। जबकि, दूसरा पुल सरस्वती नदी पर मंदिर के पीछे बनाया जाएगा। बताया कि पुलों पर कार्य शुरू हो चुका है और अप्रैल 2018 तक ये बनकर तैयार हो जाएंगे।
Jagran
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