17-12-2020
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों के लिए राहत भरी खबर है। उन्हें अनुदान जारी रखा जाएगा। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने यह तय किया है। कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। अशासकीय डिग्री कॉलेजों को अंदेशा है कि उनको सरकार से जारी अनुदान खत्म किया जा सकता है। इसे लेकर कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारी आंदोलन की राह पर है।
दरअसल, राज्य विश्वविद्यालय विधेयक में सरकार ने इन कॉलेजों को अनुदान देने के संबंध में प्रविधान शामिल नहीं किया है। कॉलेज इसे अनुदान नहीं देने के संकेत के तौर पर ले रहे हैं। इन कॉलेजों को अनुदान के बारे में विचार को मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की बैठक हो चुकी है। कमेटी ने कॉलेजों को अनुदान की मौजूदा व्यवस्था जारी रखने पर सहमति जताई है।
कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने कहा कि सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों को अनुदान जारी रखा जाएगा। इस बारे में अंतिम फैसला कैबिनेट को लेना है। गौरतलब है कि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत यह कह चुके हैं कि जिन कॉलेजों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है, उन्हें अनुदान जारी रखने पर विचार नहीं किया जाएगा। जब अनुदान प्राप्त कॉलेज राज्य विश्वविद्यालय से जुड़ने को तैयार नहीं हैं तो उनके लिए अपने प्रस्तावित एक्ट में संशोधन का औचित्य नहीं है।
इन कॉलेजों में नियुक्तियां राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होनी चाहिए। इनसेट:65 अशासकीय विद्यालयोंको जारी रहेगा अनुदान प्रदेश के 65 सहायताप्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों को आखिरकार अनुदान मिल गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नर्म रुख के चलते इन विद्यालयों को वेतन जारी में लगा पेच दूर हो चुका है। मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए वेतन का बजट जारी किया जा चुका है। उक्त विद्यालयों को अनुदान पर विचार करने की पत्रावली मुख्यमंत्री के पास भेजी गई थी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उक्त विद्यालयों को अनुदान जारी रखा जाएगा।
Jagran
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