Thursday, September 4, 2008

03 सितम्बर - एसटीएफ के ढांचे को मंजूरी जल्द

उत्तराखंड की विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) के आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण का रास्ता साफ होने वाला है। एसटीएफ के ढांचे को स्वीकृति देने की शासन की ओर से लगभग तैयारी हो चुकी है। इसमें 70 लोगों के ढांचे को स्वीकृत किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रदेश बनने के बाद से उत्तराखंड में लगातार ही अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। इसी को देखते हुए लगभग दो साल पहले एसटीएफ की स्वीकृति दी गई थी। उद्देश्य यह था कि संगठित अपराधियों पर लगाम कसने के साथ ही आतंकवाद से निपटने की चुनौती भी इनके सिर होगी। साथ ही, पुलिस के लिए कठिनाई का कारण बने मामलों का खुलासा भी एसटीएफ करेगी। स्थापना के बाद से ही एसटीएफ इस काम में जुटी भी लेकिन कोई ढांचा स्वीकृत नहीं होने के चलते टास्क फोर्स पूरी क्षमता और तेजी के साथ काम नहीं कर पा रही थी। एसटीएफ की स्थापना तो बड़े ही जोर-शोर और उम्मीदों के साथ की गई थी लेकिन उस अनुरूप काम नहीं किया गया। यहां तक कि इतने कम समय में ही एसटीएफ ने चार से ज्यादा एसपी को प्रभारी के तौर पर देख लिया। इन प्रभारियों को छह माह का समय भी नहीं मिला कि वे अपनी देख-रेख में काम आगे बढ़ा सकें। यही नहीं, इंस्पेक्टर और कर्मी स्तर पर भी लगातार तबादले होते रहे। इस कारण एसटीएफ अपने नाम के अनुरूप काम नहीं कर पाई। पुलिस मुख्यालय की ओर से एसटीएफ के ढांचे का प्रस्ताव लगभग डेढ़ साल पहले भेजा गया था। जिसे वित्त विभाग की तरफ से एक बार लौटाया भी जा चुका है। बाद में इसमें कतिपय सुधार के बाद प्रस्ताव फिर से भेजा गया। अब इस ढांचे को स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो एसटीएफ में अधिकारी और कर्मचारी मिलाकर कुल 70 लोगों के ढांचे की स्वीकृति मिलनी तय मानी जा रही है। इसके बाद यहां पर होने वाली तैनाती अस्थाई तौर पर नहीं होगी। आईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था एमए गणपति के मुताबिक एसटीएफ के ढांचे को स्वीकृति मिलने से उसके काम-काज में भारी सुधार होगा।
Source: www.uttaraportal.com

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