Friday, September 15, 2017

विरासत भ्रमण के जरिये पर्यटक करेंगे अल्मोड़ा के प्राचीन भवनों के दीदार


चंद शासकों के बाद अंग्रेजों ने कई दशकों तक अल्मोड़ा से ही कुमाऊं का शासन चलाया। अंग्रेजों के शासनकाल में कई ऐसे भवन बने जो वास्तुकला की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनमें कई एतिहासिक भवन भी हैं जिनका पर्यटक भी दीदार करना चाहेंगे। इन भवनों में नॉर्मल स्कूल (वर्तमान डायट), चर्च, टैगोर हाउस आदि भवन भी शिल्प की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। यही नहीं खजांची मोहल्ला में लाला बद्री शाह का वह एतिहासिक घर भी काफी महत्वपूर्ण है जहां स्वामी विवेकानंद ने अपनी हिमालय यात्रा के दौरान कई बार प्रवास किया था।  कुछ साल पहले अल्मोड़ा के इन प्राचीन इमारतों का पर्यटकों को दीदार कराने के लिए हेरिटेज वॉक(‌विरासत भ्रमण) की योजना बनाई गई थी जो आज तक धरातल पर नहीं उतरी, लेकिन वर्तमान जिला प्रशासन ने इस योजना को जल्द ही शुरू करने का फैसला किया है। हेरिटेज वॉक शुरू होने से बाहर से आने वाले पर्यटकों को अल्मोड़ा में रोकने में भी मदद मिलेगी। 

अल्मोड़ा में बाहर से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने वाले खास स्थल विकसित नहीं हो सके हैं। इस कारण पर्यटक यहां रुकना पसंद नहीं करते। जिससे पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। इसे देखते हुए करीब पांच साल पहले प्रशासन ने शिल्प कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली अल्मोड़ा की प्राचीन और एतिहासिक इमारतों का दीदार कराने के लिए हेरिटेज वॉक की योजना बनाई थी। दरअसल अल्मोड़ा के इन तमाम भवनों के सहारे सांस्कृतिक नगरी का इतिहास अब भी मजबूती से खड़ा है। यहां 1597 के इतिहास की निशानियां भी कहीं-कहीं  दिखती हैं। फिर 150 साल पुराने वह भवन हैं जो अब भी खड़े होकर अपने अतीत से परिचय कराते हैं। 1560 में चंद शासकों द्वारा कुमाऊं की राजधानी अल्मोड़ा में स्थापित करने से शुरू होकर अंग्रेजों के आगमन और उसके बाद तक की तमाम कहानियां इन विशाल भवनों में कहीं न कहीं प्रतिबिंबित होती हैं। हेरिटेज वॉक की यह योजना अल्मोड़ा में पर्यटकों को रोकने में काफी मददगार साबित होगी। इससे यहां पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।

हेरिटेज वॉक के लिए गाइड प्रशिक्षित किए जाएंगे  
अल्मोड़ा। जिला प्रशासन ने अल्मोड़ा में हेरिटेज वॉक की योजना को कार्यरूप देने का फैसला किया है। जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया है कि हैरिटेज वॉक के तहत पर्यटकों को प्राचीन, ऐतिहासिक और ब्रिटिशकालीन भवनों का दीदार कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि हेरिटेज वॉक कराने के लिए गाइडों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। यह प्रशिक्षण इंटक के माध्यम से कराया जाएगा। गाइडों को प्रशिक्षण मिलने के बाद उन्हें पर्यटन विभाग और स्थानीय होटलों में रजिस्टर्ड किया जाएगा। हेरिटेज वॉक के लिए पर्यटक इन गाइडों को अपने साथ ले जाएंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि ऐतिहासिक और हेरिटेज भवनों के संरक्षण के लिए सरकार राज्य स्तर पर योजना बना रही है। इसके तहत भवनों के इतिहास और वास्तु शास्त्र से संबंधित पूरी जानकारी भवनों के बाहर ही लगाई जाएगी। इसमें उसके निर्माण से लेकर उसके अतीत से संबंधित तमाम बातें होंगी। 

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