More Uttarakhand News, about Uttarakahnd and more http://uttarakhandnews2k.blogspot.com/
डीएम बदले, नहीं बदले हालात
बागेश्वर। बागेश्वर को जिला बने 15 सितंबर को 14 बरस पूरे हो रहे हैं। इस बीच जिले के 11 डीएम बदले, लेकिन नहीं बदली तो जिले की सूरत। आलम यह है कि कई विभागों के कार्यों के लिए जिलेवासियों को अब भी अल्मोड़ा का मुुंह ताकना पड़ रहा है। यही नहीं विकास के नाम पर भी यहां करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन जिले के अंतिम गांव बोरबलड़ा के लोग अब भी सड़क की बाट जोह रहे हैं। कमोबेश यही हाल अन्य विकास योजनाओं का भी है।
15 सितंबर 1997 को बागेश्वर जिले गठन के बाद यहां 10 जिलाधिकारी आकर चले गए। चंद्र सिंह नपल्चाल 11 वें जिलाधिकारी हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 259835 है। इसमें 124116 पुरूष जबकि 135719 महिलाएं हैं। पुरुष साक्षरता का प्रतिशत 87.64 से ढ़कर 93 फीसदी पहुंच गया है। इसी तरह वर्ष 2001 में महिला साक्षरता 57.03 प्रतिशत थी जो अब 69.59 प्रतिशत है। जिला बनने के बाद कपकोट, गरुड़, कांडा तहसील जबकि काफलीगैर उपतहसील का निर्माण हुआ लेकिन एक भी नए ब्लाक का गठन नहीं हो सका। कपकोट, कांडा तथा गरुड़ में डिग्री कालेज कपकोट तथा नाकुरी में आईटीआई, कांडा में पालीटेक्निक की स्थापना हुई है। जिला बनने के लंबे अंतराल के बाद भी यहां कला संस्कृति, लघु डाल खंड, खंडीय कार्यालय, जिला सहकारी बैंक, लीड बैंक अधिकारी, मनोरंजन कर निरीक्षक, आयकर, कस्टम, पुरातत्व, मुख्य डाकघर, जेल, श्रम कार्यालय, सहायक प्रवर्तन अधिकारी के अलावा रोडवेज कार्यालय तथा उसका डिपो आज तक नहीं बन सका। इन विभागों में काम पड़ने पर लोगों को अल्मोड़ा की ही दौड़ लगानी पड़ रही है।
Amar Ujala 15-9-2011
Amar Ujala 15-9-2011
Sarkai Naukari: http://sarkarinaukri-governmentjobsinindia.blogspot.com/
Education News: http://enteranceexamresults.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment